devi mamta bhagwat

कथा के मध्य देवीजी ने किया शहीदों को याद

शेरो के साथ खेलने वाले ‘भरत’ के नाम से ही हमारे देश का नाम ‘भारत’ पड़ा

कथा में ‘माँ काली व नृसिंह भगवान’ की सजी मनमोहक झांकियाँ

मातृभूमि, संतो, अबला नारी, गोमाता और ब्राह्मण के रक्षार्थ जो प्राण देता है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है- स्वामीजी

‘हो जाओ तैयार साथियों’ व ‘जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया’ देशभक्ति गीतों पर झूमे श्रद्धालु

 

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devi mamta (deviji)

kushal giri ji

 

ब्रह्मलीन गो सेवी संत श्री दुलारामजी कुलरिया सिलवा, नोखा (बीकानेर) वालो की पुण्यतिथि पर श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरीजी महाराज के सानिध्य में विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय, नागौर द्वारा आयोजित गोहितार्थ विशाल भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथा वाचिका देवी ममता (देवीजी) ने बताया कि देश की सेवा करने से भी प्रभु भक्ति जीतना ही फल प्राप्त होता है आज हम सब अमर शहीदों की वजह से सुरक्षित है, वतन के रखवालों का त्याग और बलिदान को कभी हमें भुलना नही चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। भरत के जीवन चरित्र का वृतान्त सुनाते हुए बताया कि भरत के नाम पर ही हमारे देश का नाम भारतवर्श से ‘भारत’ पड़ा और भक्त प्रहलाद की प्रभु की भक्ति व हिरण्याकश्यप का भगवान नृसिंह अवतार में वध करने का प्रसंग बताते हुए भगवान के विभिन्न अवतारों की कथा सुनायी। साथ ही कथा तृतीय दिवस पर भरत व भक्त प्रहलाद के प्रसंगानुसार ‘भरत की काली माँ द्वारा की गई रक्षा’ व हिरण्याकश्यप का वध करते हुए ‘भगवान नृसिंह अवतार’ की सुंदर मनमोहक सजीव झांकियों का प्रस्तुतिकरण किया गया। कथा के दौरान स्वामीजी ने अपनी ओजस्वी वाणी से कहा की जो व्यक्ति देश, संत, अबला नारी, गोमाता और ब्राह्मण की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देते है, उन्हें भगवान के श्री चरणों में स्थान मिलता है, उन्हें स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है, ऐसे अवसर मिलने पर कभी चुकना नहीं चाहिए। साथ ही चाण्डाल का प्रसंग सुनाते हुए कहा की जो लोग गोचर भूमि पर कब्जा करते है उनको शास्त्रों में चाण्डाल से भी नीच बताया है। मुकेशजी डांगी व फुलचंदजी मुंदड़ा संगीत मंडली ने ‘हो जाओ तैयार साथियो’ व ‘जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा’ जैसे देशभक्ति गीतो की प्रस्तुतियां दी, कथा में आये श्रद्धालुओ ने देशभक्ति व भक्तिमय गीतों पर जमकर नृत्य किया। कथा में आज के मुख्य यजमान श्याम सुन्दरजी सेवग व उनकी धर्मपत्नि राजू देवी (बीकानेर) बने। इस दौरान प्रेमसिंहजी सोलंकी व शिवजी, पीरारामजी, प्रेमारामजी सेन, शंकरलाल जी, मगराजजी जोधपुर वालो ने रोजाना की तरह 1-1 गाड़ी हरी सब्जी, गुरू जम्भेश्वर भगवान के भक्तों ने 30 क्विंटल बाजरी पीड़ित गोवंश हितार्थ भेजी। आनन्दसिंहजी गहलोत (मानव गो सेवा समिति मण्डोर, जोधपुर), नरसी ग्रुप के प्रतिनिधी के रूप में डॉ. लेखराजजी भाटी, छेलुदासजी रामावत, कानदासजी रामावत, सहित अनेक दानदाताओं ने गोहितार्थ सहयोग किया। सभी दानदाताओं का व्यास पीठ की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कथा के दौरान संत पूनमदासजी महाराज, शंकरजी महाराज, गिरधारीजी महाराज,गोविंदारामजी महाराज, पंडित मनोजजी शास्त्री व रामानुजजी आचार्य का आगमन हुआ। कथा श्रवण करने आये बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को चाय,ठंडा मीठा शर्बत व बूंदी-पकोड़ी का प्रसाद दिया गया।

भगत प्रहलाद
भगत प्रहलाद

 

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