bhagwat aarti devi mamta

भगवान अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करते हैं- देवीजी 

मोबाइल में गुम हो रही है देश की युवा पीढ़ी, समय रहते चेतना है जरूरी- महामण्डलेश्वर


कथा में ‘माँ काली व नृसिंह भगवान’ की सजी मनमोहक झांकियां


जोधपुर। विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय, जोधपुर में स्व. शैलादेवी तरड़ की पुण्य स्मृति में स्वामी परिवार जसरासर  (बीकानेर) द्वारा आयोजित श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी जी महाराज के सानिध्य में गोहितार्थ भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा में कथा व्यास देवी ममता देवीजी  ने जड़ भरत चरित्र एवं भगवान के परम भक्त प्रहलाद के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। देवीजी ने बताया कि ऋशभदेव के पुत्र भरत के नाम से ही हमारे देश का नाम ‘भरतखण्ड़’ पड़ा। महाराज भरत ने गर्भिणी मृग के बच्चे का लालन-पालन व पोषण किया, उनका चित्त उस मृग के स्नेहपाश में बंधा रहता वो उठते बेठते दीन-हीन मनुष्य की भांति व्याकुल रहते , मृग में आसक्ति के कारण उनका यम, नियम व पूजा आदि आवश्यक कृत्य एक-एक करके छूट गये। एक बार डाकुओं ने जड़भरत को माँ काली के समक्ष बली देने के लिए कृपाण उठायी उसी समय माँ काली ने सभी डाकुओं के सिर कलम करके उनके प्राणों की रक्षा की।
देवीजी ने भक्त प्रहलाद का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि भगवान के परम भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए व हिरण्याकश्यप का वध करने के लिए भगवान विष्णु स्वंय नृसिंह अवतार धारण किया और भक्त की रक्षा की।
साथ ही कथा तृतीय दिवस पर महाराज भरत व भक्त प्रहलाद के प्रसंगानुसार ‘भरत की काली माँ द्वारा की गई रक्षा’ व हिरण्याकश्यप का वध करते हुए ‘भगवान नृसिंह अवतार’ की सुंदर मनमोहक सजीव झांकियों का प्रस्तुतिकरण किया गया।
kushalgiri maharaj
कथा के दौरान स्वामीजी ने अपनी ओजस्वी वाणी से प्रवचन देते हुए कहा कि देश के युवाओं को अपना कीमती समय मोबाइल में व्यर्थ नही करना चाहिए, क्योंकि आज अधिकांश युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा समय मोबाइल में व्यतीत कर रही है, जो समय के दुरूपयोग के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने बताया कि समय एक बार निकल जाता है वह वापस लोटकर नही आता इसलिए अपने कीमती समय का सदुपयोग करना चाहिए। अपने कीमती समय को शिक्षा,परिवार, व्यायाम,जॉब और अपने भविष्य को सवारने में लगाना चाहिए, मोबाइल को हमेशा सदपयोग के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए, न की फालतू चीजें देखने में अपना समय नष्ट करना चाहिए।
कथा प्रभारी सैन जी  ने बताया की कथा में आज के मुख्य यजमान महावीर नगर निवासी जितेन्द्र जी सोनी व उनकी धर्मपत्नि जयश्री जी सोनी बने। इस दौरान गौरव जी जांगीड़, मनीष जी सोनी, जितेन्द्र जी सोनी, हड़मानराम जी गोलिया, गुलाबचंद जी शर्मा, उम्मेदराम जी शर्मा, कमला जी जांगीड़, महिला भजन मंडली सहित अनेक दानदाताओं ने गोहितार्थ सहयोग किया। सभी दानदाताओं का व्यास पीठ की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इनके अलावा सोहनलाल जी मूथा, नारायणी जी बाई, शंकरलाल जी , नारायण जी चौधरी, छोटुराम जी गुर्जर, रूपजी भादेड़ी, नवलकिशोर जी पारिक, श्रवणसिंह जी राठौड़ आदि गोभक्तों ने देश के अलग-अलग कोनो से गोहितार्थ ऑनलाइन सहयोग किया। तीसरे दिन की कथा विश्राम के दौरान उदयराम स्वामी  (कथा आयोजनकर्ता ), संत गोविंदराम जी महाराज ने भागवत आरती की।
कथा श्रवण करने आये बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को चाय,पानी व बूंदी-पकोड़ी का प्रसाद दिया गया। साथ ही कोरोना गाइडलाइन का विशेष ख्याल रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया गया व सैनिटाइजर का उपयोग किया गया।

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