सात दिवसीय विशाल भागवत कथा का भव्य शुभारम्भ, 2100 महिलाओं ने किये कलश
धारण 1 कि.मी. लम्बी निकाली कलश यात्रा, बड़ी संख्या में श्रद्धालु हुए कलश यात्रा में शामिल
प्रभु के उत्सव में शामिल होना मानव का सौभाग्य है- देवीजी
गोरक्षा व गोसेवा से मिलता है नरक की यातनाओं से छुटकारा – महामण्डलेश्वर
ब्रह्मलीन गो सेवी संत श्री दुलारामजी कुलरिया सिलवा, नोखा (बीकानेर) वालो की पुण्यतिथि पर विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय, नागौर द्वारा आयोजित पीड़ित गोवंश हितार्थ विशाल भागवत कथा का शुभारम्भ आज भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। कथा प्रभारी श्रवण जी सैन ने बताया कि कथा से पूर्व गो चिकित्सालय के संस्थापक श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरीजी महाराज के पावन सानिध्य में सुन्दर व भव्य कलश यात्रा निकाली जो विश्व स्तरीय गो चिकित्सा
लय के सामने स्थित भैरूजी महाराज के थान से प्रारम्भ होकर गो चिकित्सालय परिसर की परिक्रमा करते हुए कथा स्थल तक पहुंची। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु व 2100 महिलाएं रंग बिरंगे परिधानों में सजकर सिर पर कलश धारण कर मंगल गीत गाते हुए डी.जे. पर ‘वारी जाऊँ रे बलिहारी जाऊँ रे’ गाने पर नृत्य करते हुए 1 किलोमीटर लम्बी कलश यात्रा
निकाली। भक्तों का ड्रोन द्वारा आकाश से जगह-जगह पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया तो दूसरे ड्रोन कैमरे से पूरी कलश यात्रा की विडियो शुटिंग की गई। कथा में आज के मुख्य यजमान नृसिंहजी भाटी जोडे़ सहित बने। कथा वाचिका देवी ममता (देवीजी) ने प्रथम दिवस पर श्रद्धालुओं को भागवत कथा का पादुर्भाव, शुकदेव का जन्म, भगवान श्री कृष्ण व कर्ण के संवाद के बारे में विस्तार से बताया। कथा में पण्डित पवनजी पाठक (आचार्य) ने बहुत ही सुन्दर मंच संचालन किया, वृंदावन की प्रसिद्ध संगीत मण्डली ने सुन्दर भजनों की प्रस्तुति दी एवं जसवंतगढ से आयी टीम द्वारा भगवान शिव-पार्वती व बाण शैय्या पर भीष्म पितामह की सुंदर मनमोहक सजीव झांकियों का प्रस्तुतिकरण किया गया। सांखला कलर लेब द्वारा बड़ी 8 गुणा 12 एल.ई.डी टीवी एवं लाईव प्रसारण की व्यवस्था की गई। कथा के दौरान स्वामीजी ने गाय की सेवा करने से मनुष्य को यम यातना से मुक्ति प्राप्त होती है यह प्रसंग देकर विस्तार से बताया। इस दौरान प्रेमसिंह सोलंकी जोधपुर व शिवजी,पीरजी,मेघराजजी, प्रेमजी एवं शंकरलालजी जोधपुर ने गोहितार्थ 2 गाड़ी हरी सब्जी भेजी, साथ ही दामोदरजी फोजी जोधपुर सहित अनेक दानदाताओं ने गोहितार्थ सहयोग किया। सभी दानदाताओं का व्यास पीठ की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कथा के दौरान श्रीनाथ धुणा के महंत सुरजानाथजी महाराज व गोविंदरामजी महाराज का आगमन हुआ। कथा में श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने हेतु दर्जनों बसों व गाड़ियों की सुन्दर व्यवस्था की गई, सप्त दिवसीय कथा में आये भक्तों को चाय, नास्ता (बूंदी-पकौड़ी), मीठा शर्बत व उपहार दिये गये। साथ ही कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी बनाकर, मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग किया गया।
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